Tuesday, September 23, 2025

Importance of Eye checkup in Diabetes ,saves from blindness


डायबिटीज़ मरीज में आंखो की बीमारी – Importance of Eye Checkup in Diabetes

🩺 Awareness First

डायबिटीज़ के मरीज अक्सर अपनी शुगर, बीपी और दवाइयों पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन आंखों की जांच को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। कई साल तक बिना चेकअप के मरीज केवल डायबिटीज़ का इलाज कराते रहते हैं, और अचानक जब धुंधला दिखने लगता है या दृष्टि कम हो जाती है तब उन्हें पता चलता है कि रेटिना (Retina) को नुकसान हो चुका है।
इसीलिए डायबिटीज़ मरीजों के लिए आंखों की समय पर स्क्रीनिंग और रेटिना चेकअप बेहद ज़रूरी है।
 

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 Diabetic Retinopathy क्या है

Diabetic Retinopathy- एक गंभीर आँखों की बीमारी है, जो लंबे समय से डायबिटीज़ वाले मरीजों में होती है। इसमें आँख के पीछे की झिल्ली रेटिना (Retina) की रक्त नलिकाएं (blood vessels) डैमेज हो जाती हैं। ये नलिकाएं लीक या ब्लीड करने लगती हैं, जिससे मरीज को धुंधलापन, धब्बे या अचानक दृष्टि कम होने जैसी समस्याएं होती हैं। समय पर इलाज न हो तो अंधापन (Blindness) तक हो सकता है।


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डायबिटीज़ आँखों को कैसे नुकसान पहुँचाता है?

लंबे समय तक ब्लड शुगर अनकंट्रोल रहने से रेटिना की रक्त नलिकाएं कमजोर हो जाती हैं।

ये नलिकाएं फटने या लीकेज करने लगती हैं।

धुंधला दिखना, काले धब्बे, बार-बार चश्मा बदलने की जरूरत होने लगती है।

समय पर इलाज न मिले तो Cataract (सफेद मोतिया) और Glaucoma (काला मोतिया) भी जल्दी होने लगते हैं।


मरीज को क्या लक्षण हो सकते हैं?

धुंधला या बार-बार बदलता हुआ नजर

आंखों के सामने काले धब्बे (Floaters)

रात में देखने में परेशानी

अचानक दृष्टि का घटना – “आंख में पर्दा सा गिरना”

रंग फीके दिखना

बार-बार चश्मा बदलने की ज़रूरत
 

डॉक्टर जांच में क्या देखते हैं?

रेटिना स्पेशलिस्ट पुतलियों को फैलाकर जांच करते हैं:

रेटिना में ब्लीडिंग या खून के धब्बे

रेटिना में सूजन और लीकेज

असामान्य नई रक्त नलिकाओं का बनना

मैक्युला (Macula) में सूजन (Macular Edema)


कौन-कौन सी जांचें ज़रूरी हैं?

1. Dilated Fundus Examination – पुतलियों को फैलाकर गहराई से जांच


2. OCT (Optical Coherence Tomography) – रेटिना का हाई-डेफिनिशन स्कैन


3. FFA (Fundus Fluorescein Angiography) – डाई से लीकेज और ब्लॉकेज जांच


4. OCT Angiography – बिना इंजेक्शन से ब्लॉकेज व नई नलिकाओं का पता


5. Fundus Photography – तस्वीरें लेकर प्रोग्रेस मॉनिटर करना


उपलब्ध इलाज (Treatment Options):

सबसे पहले ब्लड शुगर, बीपी और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करें

Laser Treatment (Photocoagulation) – लीकेज को रोकने के लिए अगर  नहीं नहीं रक्त वाहिका बन गई है तो उन्हें सूखने के लिए पर्दे का ग्रीन लेजर करना पड़ता है जो की कई बार किया जाता है। जब तक की यह  सुख न जाए।लेजर बार-बार हो सकता है

Intravitreal Injections (Anti-VEGF / Steroids) – सूजन और नई नलिकाओं को कंट्रोल करने के लिए
आंख में इंजेक्शन अलग-अलग प्रकार के होते हैं जिनका प्रभाव और समय अलग-अलग होता है डॉक्टर आपकी स्थिति के अनुसार से डिसाइड करता है की कौन सा इंजेक्शन लगाना है शुगर के मरीजों में एक से ज्यादा इंजेक्शन लगा सकते हैं अगर सुजान बार-बार आ रही है और ठीक नहीं हो रही है तो बहुत सारे इंजेक्शन भी लगा सकते हैं यह इंजेक्शन लाभदायक करते हैं और दृष्टि में सुधार करते हैं या स्थिर रखते हैं, अगर सही समय पर और निरंतर अंतराल पर  लगते रहे।


Vitrectomy Surgery – गंभीर मामलों में खून या स्कार टिशू हटाने के लिए ऑपरेशन
आंख में खून साफ न होने और और पर्दा उखाड़ने की स्थिति में रेटिना की सर्जरी करनी चाहिए जिससे रोशनी सुधार किया जा सके या बचाया जा सके। रेटिना की सर्जरी आधुनिक तकनीक 25 गेज 
से की जाती है , वह सही समय और प्रारंभिक अवस्था में सर्जरी के परिणाम बहुत अच्छे होते हैं। कई बार सर्जरी के समय पर्दे की स्थिति ज्यादा खराब होने पर आंख के अंदर सिलिकॉन तेल भी डाला जाता है जो कि कुछ समय बाद निकाला जा सकता है।





बचाव के उपाय (Prevention Tips)

ब्लड शुगर और बीपी कंट्रोल रखें

हेल्दी डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज़

धूम्रपान व शराब से बचें

साल में कम से कम 1 बार रेटिना चेकअप ज़रूर कराएं


Screening क्यों ज़रूरी है?

सही समय पर जांच करने से, सही समय पर बीमारी का पता करने से और सही समय पर इलाज करने से डायबिटीज मरीजों में पर्दे में होने वाली बीमारी से होने वाले अंधेपन को रोका जा सकता है।

  • हर डायबिटीज़ मरीज को साल में एक बार आंखों की स्क्रीनिंग करवानी चाहिए।
  •  अगर पहले से कोई समस्या है तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार बार-बार जांच करवाएं

 

Young Diabetes 

Young Diabetes मैं शुगर की वजह से इफेक्ट ज्यादा और बहुत जल्दी आता है , तो यंग डायबिटीज को शुगर कंट्रोल और अपने रेटिना की जांच से जल्दी-जल्दी करनी चाहिए ,क्योंकि कई बार स्थिति उसे स्टेज पर पहुंच जाती है कि आंखों की रोशनी को बचाना मुश्किल हो जाता है।


Vedanta Netralya में Retina Specialist द्वारा Retina Now System से एडवांस्ड स्क्रीनिंग उपलब्ध है।


निष्कर्ष

Diabetic Retinopathy से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन समय पर चेकअप और इलाज बहुत ज़रूरी है।
अगर आप डायबिटीज़ से पीड़ित हैं तो आज ही आंखों की जांच करवाएं और अपनी दृष्टि सुरक्षित रखें।

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